FOMO से कैसे बचें, Fomo

FOMO का मतलब है Fear Of Missing Out. आसान शब्दों में कहें तो कहीं मैं मुनाफा कमाने में पीछे ना रह जाऊ इस बात का डर | यह बेचैनी होती है कि बाजार तेजी से भाग रहा है स और मैं उस तेजी का हिस्सा नही बन पा रहा हूँ, इससे वह व्यक्ति को मजबूर हो जाता है कि वह निर्णय ले और किसी तरह बाजार की रफ्तार में शामिल हो जाए |

चाल भरी बाजार में FOMO के कई उदाहरण देखने को मिलते, हैं जैसे कि ट्रेडर को चिंता हो सकती है कि यदि वे अन्य सभी  प्रस्तावों को ठुकरा देते हैं, तो वे मूल्यवान अवसरों से चूक जाएंगे जिससे ट्रेडर को उन चीजों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए जाने पर हाँ कहना पड़ता है जिनमें वे वास्तव में रुचि नहीं रखते हैं |

शेयर बाज़ार में Investors एवं Traders में साइकोलॉजी पर FOMO एक्टिव होता है | कई बार ट्रेडर पसंदीदा शेयर की कीमत में गिरावट आने से पहले खरीदने का निर्णय इसलिए लेते हैं क्योंकि उन लोगों को ऐसा महसूस होता है कि शायद अब बाजार नही गिरेगा और अगर बाजार बढ़ गया तो मुनाफा कमाने का मौका हाथ से निकल जायेगा |

कई बार नए इंवेस्टर या ट्रेडर इसलिए भी किसी शेयर में निवेश कर बैठते हैं ,जबकि निर्णय लेना कठिन होता है जब भी ऐसा लग रहा हो खुद को निर्णय लेने से रोकें | FOMO से निपटने के लिए हम ये मान लें कि यदि निर्णय लेना जरुरी ना हो तो हम निर्णय ना लें |

नये लोग जहां Investing & Trading अभी सीख रहें हो उनका आत्मविश्वास मजबूत करने की चुनौती सामने होती है| नये निवेशक FOMO से जल्दी प्रभावित होते हैं |

Investment या Treding सीखने के लिए किसी भी निवेशक को सबसे पहले Demo Account में ही ट्रेड करना चाहिए | Demo Treding Account मुफ्त में ट्रेडिंग करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जहाँ निवेशक को न तो फायदा होता है न नुकसान, सिर्फ सीखने के लिए Demo Account उपयोग किया जाता है | जहाँ आपको बिना कोई पूंजी लगाये ट्रेडिंग सीखने की सुविधा मिलती है |

कोई निवेशक एक बार जब ट्रेडिंग साइकोलॉजी को समझ लेता है, तो उसके लिए सही निर्णय लेना आसान हो जाता है | निवेशक को जब फायदा हो रहा होता है तो डर के कारण ट्रेड को समय से पहले बंद कर देता है, उसका पूरा लाभ नहीं ले पाता जिसके लिए बाद में उस दुख होता है,

वहीं एक confident Invester ट्रेड में बना रहता है और SL ट्रेल करके पूरी रैली का आनंद लेता है | बुद्धिमान ट्रेडर वह होता है सही और गलत को समझता है व सभी नियमों का पालन करता है| लालच भय दुख जैसी भावनाएं निवेशक में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है | नकारात्मक पहलुओं से निपटने के लिए निवेशक को साइकोलॉजी को समझना और अपनाना चाहिए

व्यक्तिगत स्तर पर निवेशक अक्सर लालच, भय और FOMO जैसी भावनाएं प्रेरित होती हैं | साइकोलॉजी को समझने के बाद निवेशक को गलत निवेश और FOMO से बचता है, डर में अधिकतर पैनिक सेलिंग होती है, जहाँ निवेशक अधिक नुकसान से बचने के लिए ट्रेड से बाहर आ जाते हैं |

डर, लालच, भय से बचने के लिए ट्रेडिंग साइकोलॉजी को अच्छे से समझें FOMO से बचें